काल सर्प दोष की पूजा कहा होती है ?

काल सर्प दोष की पूजा कहा होती है ?

काल सर्प दोष : यह किसी भी कुंडली में ऐसा योग है जो कि किसी जातक की जन्मकुंडली में किसी जघन्य अपराध के दंड के रूप में उसकी जन्मकुंडली में उत्पन्न होता है। इस योग में पीड़ित व्यक्ति ,शारीरिक रूप से ,आर्थिक रूप से या व्यावहारिक रूप से पीड़ित होता है I अधिकतर उसे संतान संबंधित परेशानियां होती हैं या उसकी संतानों को रोग होता है I वह अपने काम के लिए ,अपने रोजी-रोटी के प्रबंध में उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता हैI वह अच्छे धनी परिवार में पैदा होने के बावजूद भी आर्थिक रूप से परेशान रहता है और उसे विभिन्न तरह के परेशानियां होती हैं। कालसर्प योग में समस्त ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते है ।

काल सर्प दोष से मुक्ति पाने हेतु काल सर्प पूजा का आयोजन ही जातक के लिए सर्वोत्तम उपाय है । भारत में ऐसे कुछ निम्न मंदिर हैं जहां कालसर्प दोष के निवारण से संबंधित पूजा की जाती हैं। यहां पूजा कराना अवश्य ही फलदाई रहता है।

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1. त्र्यंबकेश्वर मंदिर

यह मंदिर महाराष्ट्र प्रांत के नासिक जिले के त्र्यंबक नामक स्थान पर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है । काल सर्प दोष पूजन हेतु यह प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिर है। यह माना जाता है कि यहां पर विधिवत त्र्यंबकेश्वर पूजा कराने के पश्चात नाग नागिन के जोड़े छोड़ने से कालसर्प योग दोष का निवारण हो जाता है।

2. प्रयाग संगम

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में यहां पर गंगा यमुना सरस्वती का संगम होता है यह स्थान भी काल काल सर्प दोष पूजन के लिए उत्तम माना जाता है। यहां पर नाग नागिन के जोड़े का विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कराकर दूध से पूजा करनी चाहिए और उसके बाद उसे यहां पर छोड़ देते हैं। यहां पूजन के अलावा दर्शन मात्र से भी कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

3. त्रीनागेश्वरम वासुकी नाग मंदिर

यह दक्षिण भारत में तंजौर जिले में स्थित एक मंदिर है जहां पर राहु काल के दौरान राहु की पूजा करने का विधान है| माना जाता है कि जिस व्यक्ति के कुंडली में राहु दोष होता है या कालसर्प दोष होता है वह यहां पर पूजा कराने के पश्चात शांत हो जाता है।

4. बद्रीनाथ धाम

चार धामों में एक बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है माना जाता है यहां पर कालसर्प योग के साथ साथ पितृदोष की भी पूजा कराई जाती है यह स्थान भी कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए उत्तम माना गया है।

5. त्रिजुगी नारायण मंदिर

केदारनाथ धाम से लगभग 15 किलोमीटर दूर त्रिजुगी नारायण मंदिर है माना जाता है कि मंदिर में चांदी, तांबे या सोने , चांदी के नाग नागिन (दो बच्चों सहित) अर्पित करने से और यहां आंगन में जल रही ज्वाला में चंदन, गुलरिया, पीपल की लकड़ी अर्पित करने और विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान होती है |

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काल सर्प योग पूजा हेतु त्र्यंबकेश्वर मंदिर है सर्वोत्तम स्थान

अब जब आपको हमने काल सर्प पूजा हेतु सभी प्रमुख स्थानों के बारे में बता दिया है, आपको अब हम यह बताते है कि इन सबमें काल सर्प पूजा की दृष्टि से कौन सा स्थान सर्वोत्तम है |

हिन्दू धर्म के अनुयायिओं में त्र्यंबकेश्वर एक ज्योतिर्लिंग का स्थान रखता है और यह स्थान एक प्राचीन एवं पवित्र हिन्दू मंदिर है | यह मंदिर भगवान शिवजी का है और इस मंदिर का निर्माण पेशवा बाला जी बाजीराव द्वारा किया गया था | यह मंदिर तीन पर्वत श्रेणियों (ब्रह्मगिरी, नीलगिरि, कालागिरि) के बीच में स्थित है | इस मंदिर में तीन लिंग हैं जोकि ब्रह्म, विष्णु और शिवजी का रूप समझे जाते है |

कई ज्योतिष शास्त्रियों का यह मानना है कि काल सर्प पूजा मुख्यतः इसी मंदिर में की जाती है | इस मंदिर को सर्वोत्तम स्थान करने का एक यह भी कारण कई कि कई जातको का मानना है कि इस मंदिर में काल सर्प पूजा के पश्चात उन्हें काल सर्प दोषो से मुक्ति मिली है |

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प योग पूजा के लाभ

इस मंदिर में काल सर्प पूजा करने के पश्च्यात निम्न लाभ आवश्यक रूप से जातक के जीवन में परिलक्षित होते है |

  • जातक एक खुशहाल एवं समृद्ध जीवन निर्वाह कर पाता है
  • सुखद वैवाहिक जीवन
  • जातक को व्यावसायिक जीवन व कार्य के क्षेत्र में उन्नति मिलती है
  • आर्थिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है
  • जीवन के संतुलन एवं शान्ति बनी रहती है
  • जातक सभी विकारों से दूर रहते हुए एक निरोग जीवन जीता है
  • जातक को अपने सभी सगी सम्भान्धियों का साथ भी मिलने लगता है

उपरोक्त जानकारी से हम सभी यह निष्कर्ष पर पहुँच सकते है कि त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा करवाना ही एक सर्वोत्तम उपाय है | यदि आप भी इस दोष से ग्रषित है और तुरंत ही इससे छुटकारा पाना चाहते है तो आप इस सम्बन्ध में त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर के श्री पंडित अंकित जी से निशुल्क जानकारी प्रदान कर सकते है |

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2 responses to “काल सर्प दोष की पूजा कहा होती है ?”

  1. Guru ji prannam 15 varshiya balak per ghor dosh bataya hai…nasik aaker vidhi vat poojan karane me kitna kharch Aayega krapya Kuch salah pradaan karen …

  2. Guruji meri date of birth 1 April 1986 hai or Mera janam shubha 5 bhjh ker 5 min per hua tha guru ji meri janam kundali m kaal sarp dosh hai shyaad jiske Karan m bhut pershan Rheta hu koi bhi Rog Chank se lag jata kisbhi kaam m koi progress Nhi Ho pa rhi hai plz upaye baatye kiya mujh kaal sarp dosh ki pooja kerani chaye

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